पेरिस पैरालिंपिक में शुक्रवार को भारत ने 4 मेडल जीत लिए हैं। विमेंस शूटिंग में अवनी लेखरा ने गोल्ड और मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में मनीष नरवाल ने सिल्वर दिलाया ।
विमेंस की 100 मीटर टी-35 कैटेगरी रेस में प्रीति पाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
मनीष नरवाल का टोकियो ओलंपिक्स के बाद अब पैरिस ओलंपिक्स मे भी कमाल सिल्वर मेडल जीता
भारत के लिए शुक्रवार का चौथा मेडल मेंस शूटिंग में आया, मनीष नरवाल ने मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल की SH1 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने 234.9 के फाइनल स्कोर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। कोरिया के जियोन्ग्डू जो ने 237.4 पॉइंट्स के साथ गोल्ड मेडल जीता।
वर्ल्ड और पैरालिंपिक रिकॉर्ड होल्डर चीन के चाओ यांग 214.3 पॉइंट्स के साथ तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने टोक्यो में 237.9 पॉइंट्स स्कोर कर गोल्ड जीता था, उनके नाम 241.8 पॉइंट्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।
अवनी ने दिलाया देश को पहला गोल्ड मेडल /वहीं मोना अग्रवाल को मिला ब्रॉन्ज मेडल
अवनी लेखरा ने पैरालिंपिक गेम्स में भारत को पहला मेडल दिलाया। उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग की SH1 कैटेगरी में पैरालिंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 249.7 स्कोर किया। कोरिया की युनरी ली को सिल्वर मिला, उनका स्कोर 246.8 रहा। भारत की ही मोना अग्रवाल ने 228.7 के स्कोर के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया।
एक समय टॉप पर पहुंच गई थीं मोना अग्रवाल
अवनी ने SH1 कैटेगरी में गोल्ड जीता था। शूटिंग में SH1 कैटेगरी में वे शूटर शामिल होते हैं, जिनके हाथ, शरीर के निचले हिस्से या पैर प्रभावित होते हैं। या फिर जिनके कोई अंग नहीं होते। क्वालिफिकेशन राउंड में अवनी लेखरा दूसरे और मोना अग्रवाल पांचवें नंबर पर रही थीं। फाइनल में 2 राउंड की शूटिंग बाकी थी, तब मोना 208.1 स्कोर के साथ टॉप पर थीं। अवनी दूसरे और कोरियन शूटर तीसरें नंबर पर थीं।
सेकेंड लास्ट राउंड में कोरियन शूटर ने पहला स्थान हासिल कर लिया और अवनी दूसरे पर पहुंची। जबकि मोना तीसरे नंबर पर रहकर गोल्ड मेडल की रेस से बाहर हो गईं। आखिरी राउंड में अवनी ने पैरालिंपिक रिकॉर्ड बनाया और 249.7 के स्कोर के साथ गोल्ड जीत लिया। पिछला पैरालिंपिक रिकॉर्ड 249.6 भी अवनी के ही नाम था, जो उन्होंने टोक्यो में बनाया था। कोरियन शूटर 246.8 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर रहीं।
प्रीति यादव ने भी किया कमाल दिलाया दिन का तीसरा मेडल
विमेंस 100 मीटर टी-35 कैटेगरी की रेस में भारत को ब्रॉन्ज मेडल मिला। प्रीति पाल ने 14.21 सेकेंड में रेस पूरी कर तीसरा स्थान हासिल किया। यह उनकी करियर बेस्ट टाइमिंग रही। गोल्ड और सिल्वर मेडल चीन के खाते में गए। जिया झोऊ ने 13.58 सेकेंड के साथ पहला और किआन गुओ ने 13.74 सेकेंड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। टी-35 कैटेगरी में टी का मतलब ट्रैक होता है, वहीं 35 कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिन्हें हायपरटोनिया, एटाक्सिया या एथेटोसिस जैसी बीमारी हो।
बैडमिंटन मैच हारीं मानसी
पैरा बैडमिंटन विमेंस सिंगल्स में भारत की मानसी जोशी को ग्रुप स्टेज के दूसरे मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें यूक्रेन की ओक्साना कोजीना ने 10-21, 21-15, 23-21 से हराया। इससे पहले, उन्हें पहले मुकाबले में इंडोनेशियाई की नंबर-1 सीड कोनिता सयाकुरोह के खिलाफ हार मिली थी।
पैरा आर्चर शीतल प्री-क्वार्टर फाइनल में
भारतीय तीरंदाज शीतल देवी ने पेरिस पैरालिंपिक के विमेंस कंपाउंड इंडिविजुअल इवेंट के रैंकिंग राउंड में दूसरा स्थान हासिल किया है। पहली बार पैरालिंपिक में हिस्सा ले रहीं 17 साल की शीतल ने 720 में से 703 अंक हासिल किए। वे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से केवल एक अंक पीछे रह गईं। तुर्की की क्यूरी गिर्डी ने 704 अंकों के साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और रैंकिंग राउंड में पहले स्थान पर रहीं।
दुनिया में बिना आर्म के आर्चरी करने वाले बहुत कम तीरंदाज हैं। इस पैरालिंपिक में शीतल उन 3 आर्चर में से एक हैं जो पैर की मदद से तीरंदाजी करेंगी। शीतल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। वे इस बार मिक्स्ड और सिंगल्स के इवेंट में भाग ले रही हैं।
अब चिली या कोरिया की तीरंदाज से होगा मुकाबला
रैंकिंग राउंड में दूसरे स्थान पर रहने की वजह से शीतल देवी को सीधे अंतिम-16 में जगह मिली। शीतल प्री-क्वार्टर फाइनल में चिली की मारियाना जुनिगा और कोरिया की चोई ना मी के बीच होने वाले मैच के विजेता से खेलेंगी। जुनिगा ने टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।
वे रैंकिंग राउंड में 15वें स्थान पर रहीं। शीतल की जन्म से दोनों बाजुएं नहीं हैं, जिसके चलते वह पैर से आर्चरी करती हैं। एक अन्य भारतीय तीरंदाज सरिता देवी ने 682 का स्कोर किया और वह नौवें स्थान पर रहीं। वह पहले दौर में मलेशिया की अब्दुल जलील से भिड़ेंगी।