नवाबगंज के करोली निवासी श्याम जी सरोज ने पुलिस को बताया कि अतीक-अशरफ ने उसके नाम पर बेनामी संपत्तियां बनाईं। बताया कि वह अतरसुइया निवासी दो सगे भाई जावेद व कामरान के घर में सफाईकर्मी का काम करता था, जो अतीक-अशरफ के करीबी रहे। माफिया की बेनामी संपत्ति बनाने में दोनों ने उसका इस्तेमाल किया।
माफिया अतीक अहमद व अशरफ की सात करोड़ की एक और बेनामी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नैनी स्थित इस जमीन को अतीक ने अपने दो करीबी भाइयों के नौकर के नाम पर खरीदा था। रिपोर्ट भेजकर पुलिस आयुक्त न्यायालय से कुर्की की कार्रवाई की अनुमति मांगी गई है।
इस संपत्ति का खुलासा इसी साल अप्रैल में हुआ था। नवाबगंज के करोली निवासी श्याम जी सरोज ने पुलिस को बताया कि अतीक-अशरफ ने उसके नाम पर बेनामी संपत्तियां बनाईं। बताया कि वह अतरसुइया निवासी दो सगे भाई जावेद व कामरान के घर में सफाईकर्मी का काम करता था, जो अतीक-अशरफ के करीबी रहे। माफिया की बेनामी संपत्ति बनाने में दोनों ने उसका इस्तेमाल किया। उसके नाम पर जमीन का बैनामा 2021 में करा दिया। जबकि तब वह महीने में मात्र आठ हजार रुपये ही पगार पाता था।
बैनामे से पहले नौकर को बंधक बना कर पीटा ,और फिर करवा दस्तखत
बैनामे से पहले उसे बंधक बनाकर पीटा गया और कागजात पर दस्तखत कराए गए। यह भी आरोप लगाया कि अतीक-अशरफ की मौत के बाद दोनों भाई उक्त संपत्तियों को अपने नाम लिखाने का दबाव श्याम जी पर बना रहे थे। इस मामले में अतरसुइया पुलिस ने कुल चार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया। श्याम जी के नाम पर कुल पांच जमीनों का सौदा किया गया। जिनमें से तीन नैनी के अरैल स्थित मीरखपुर उपरहार व दो फूलपुर और हंडिया में स्थित हैं।
पत्रावलियों की जांच में सही मिले आरोप
पुलिस अफसरों ने बताया कि इनमें से अरैल स्थित 0.6475 हेक्टेयर जमीन की पत्रावलियों की जांच से पाया गया कि उक्त संपत्तियां श्याम जी सरेाज की हैं। इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित मानकर इन्हें कुर्क करने के संबंध में रिपोर्ट पुलिस आयुक्त न्यायालय में भेजी गई है। डीसीपी नगर दीपक भूकर ने बताया कि अनुमति मिलते ही इन्हें कुर्क किया जाएगा।