शीतल ने गुरुवार को क्वालिफ़ाइंग रैंकिंग राउंड में 720 में से 703 का स्कोर किया। रैंकिंग राउंड का 698 अंकों के साथ पिछला विश्व रिकॉर्ड ब्रिटेन की फोएबे पीटरसन के नाम था, जिसे शीतल ने पीछे छोड़ दिया।वहीं दूसरी तरफ तुर्किये की ओजनूर गिर्डी ने 704 अंकों के साथ नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
पैरा एशियाई खेलों में 2 स्वर्ण और 1 रजत जीतने वाली बिना बाजुओं की तीरंदाज जम्मू कश्मीर की शीतल देवी ने विश्व रिकॉर्ड स्कोर को पीछे छोड़ते हुए पेरिस पैरालंपिक के अंतिम-16 में जगह बना ली है। शीतल ने गुरुवार को क्वालिफाइंग रैंकिंग राउंड में 720 में से 703 का स्कोर किया। रैंकिंग राउंड का 698 अंकों के साथ पिछला विश्व रिकॉर्ड ब्रिटेन की फोएबे पीटरसन के नाम था, जिसे शीतल ने पीछे छोड़ दिया। वहीं तुर्किये की ओजनूर गिर्डी ने 704 अंकों के साथ नया विश्व रिकॉर्ड बनाया और शीर्ष स्थान पर रहकर अंतिम-16 में पहुंचीं। शीतल रैंकिंग राउंड में दूसरे स्थान पर रहीं।
पहले राउन्ड में मिली बाई
रैंकिंग राउंड में दूसरे स्थान पर रहने के कारण शीतल को पहले दौर में बाई मिली और उन्हें सीधे अंतिम-16 में प्रवेश मिला। शीतल यहां चिली की मारियाना जुनिगा और कोरिया की चोई ना मी के बीच होने मैच के विजेता से खेलेंगी। जुनिगा ने टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीता था। वह रैंकिंग राउंड में 15वें स्थान पर रहीं। शीतल की जन्म से दोनों बाजुएं नहीं हैं, जिसके चलते वह पैर से धनुष और तीर चलाती हैं। एक अन्य भारतीय तीरंदाज सरिता देवी ने 682 का स्कोर किया और वह नौवें स्थान पर रहीं। वह पहले दौर में मलेशिया की अब्दुल जलील से भिड़ेंगी।
चुनौती भरा रहा शीतल का सफर
आतंकवाद से प्रभावित जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव की रहने वाली शीतल का जन्म एक गरीब परिवार में बिना हाथों के हुआ था। उनके और उनके परिवार के लिए जीवन चुनौतियों से भरा था। उनके माता-पिता ने कभी हार नहीं मानी, फिर 2019 में 11 राष्ट्रीय राइफल उत्तरी कमान ने उन्हें गोद लिया, उनके परिवार की मदद की, उन्हें स्थानीय स्तर पर अवसर दिए और फिर 2021 में मेजर अक्षय गिरीश की मां मेघना गिरीश से कृत्रिम अंगों के लिए संपर्क किया।मेघना गिरीश ने ही श्री अनुपम खेर को राजी किया और उन्होंने शीतल को कृत्रिम हाथ दिलवाए। लेकिन उनकी ताकत उनके पैरों में थी। बेंगलुरु की प्रीति राय ने लगातार प्रयास किए और खेल एनजीओ से संपर्क किया और उन्हीं के प्रयासों से शीतल तीरंदाजी में आ पाईं।
कोच ने तैयार किया विशेष किट
शीतल का साथ देने के लिए प्रीति राय की दृढ़ता और शीतल की दृढ़ता ने उसे 2023 में विश्व तीरंदाजी प्रतियोगिता में पदक जीतने में मदद की। उसके कोच, श्री कुलदीप बैदवान ने शीतल को उसके मुंह और पैरों से तीरंदाजी करने में मदद करने के लिए एक विशेष किट तैयार की। शीतल अब स्वर्ण और रजत के साथ एशियाई पैरा खेलों की पदक विजेता है और पैरा ओलंपिक 2024 मे भारत का प्रतिनिधत्व कर रही हैं ।
दिव्यंगों और वंचितों के साथ समूचे भारत वर्ष के लिए प्रेरणा है शीतल
पहले से ही किश्तवाड़ जिले में एक आइकन हैं, लेकिन अब उनकी ताकत और शक्ति के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी सराहना की जा रही है। 2 स्वर्ण पदक और एक रजत के साथ एशिया पर विजय प्राप्त करने के साथ,अब पैरा ओलंपिक मे स्वर्ण पदक जीतने के नजदीक बढ़ रही हैं ॥
भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा
शीतल देवी को उनके उम्दा खेल प्रदर्शन और अदम्य साहस के लिए 9 जनवरी 2024 को भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से नवाज । एक छोटे से गाव से निकल कर तमाम चुनौतियों का सामना करते हुआ शीतल का पैरा ओलंपिक्स मे भारत का प्रतिनिधित्व करना एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है ॥